प्रकाशन तिथि: 13 अक्टूबर 2025
भारत के कृषि क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हो चुका है! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दो क्रांतिकारी योजनाओं – पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन – को लॉन्च किया है, जिनका कुल बजट 35,440 करोड़ रुपये है। ये योजनाएं देश के किसानों को सशक्त बनाने, उनकी आय बढ़ाने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। अगर आप कृषि योजनाओं, किसान कल्याण या आत्मनिर्भर भारत के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। आइए, इन योजनाओं की खासियतें और उनके लाभ जानें, जो Google Discover पर ट्रेंड करने के लिए तैयार हैं!
पीएम धन धान्य कृषि योजना: किसानों के लिए नया सवेरा
पीएम धन धान्य कृषि योजना को 24,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया गया है। यह योजना देश के 100 कम उत्पादकता वाले जिलों पर फोकस करती है, जहां कृषि को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की जरूरत है। इसका लक्ष्य है उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और टिकाऊ खेती को अपनाना।
क्या हैं इस योजना की खास बातें?
- स्मार्ट सिंचाई: सूखे से प्रभावित क्षेत्रों में नई सिंचाई सुविधाएं, जो किसानों को मौसम की अनिश्चितता से बचाएंगी।
- आधुनिक भंडारण: पंचायत और ब्लॉक स्तर पर स्टोरेज यूनिट्स, ताकि फसलें खराब न हों और किसानों को सही दाम मिलें।
- आसान ऋण: कम ब्याज दरों पर लघु और दीर्घकालिक ऋण, जिससे किसान नई तकनीकों को अपना सकें।
- फसल विविधता: गेहूं-चावल के साथ-साथ अन्य फसलों को बढ़ावा, जो मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च के दौरान कहा, “ये योजना 100 जिलों को कृषि का नया हब बनाएगी। स्थानीय स्तर पर इसका प्रभावी क्रियान्वयन जरूरी है।” यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को भी गति देगी। अगर आप इन जिलों में रहते हैं, तो अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें और लाभ उठाएं!
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन: दालों में भारत को बनाएंगे नंबर 1
दलहन आत्मनिर्भरता मिशन को 11,440 करोड़ रुपये के बजट के साथ लॉन्च किया गया है। भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा दाल आयातक है, अब 2030-31 तक दाल उत्पादन को 350 लाख टन तक ले जाने का लक्ष्य रखता है। वर्तमान में दालों की खेती 310 लाख हेक्टेयर में होती है, और उत्पादकता को 1130 किलो प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाने की योजना है।
मिशन की मुख्य विशेषताएं:
- खेती का विस्तार: दालों के लिए नए क्षेत्रों की पहचान और प्रोत्साहन।
- उन्नत तकनीक: उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और डिजिटल कृषि उपकरणों का उपयोग।
- बाजार समर्थन: खरीद, भंडारण और प्रोसेसिंग की मजबूत व्यवस्था, ताकि नुकसान कम हो।
- पोषण सुरक्षा: दालें प्रोटीन का सस्ता स्रोत हैं, जो देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेंगी।
पीएम मोदी ने कहा, “किसानों से मेरा अनुरोध है कि दालों की खेती को अपनाएं। यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।” यह मिशन न केवल आयात कम करेगा, बल्कि किसानों की आय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।
इन योजनाओं से किसानों को क्या मिलेगा?
| योजना | प्रमुख लाभ | लक्षित समूह |
|---|---|---|
| पीएम धन धान्य कृषि योजना | 20-30% उत्पादकता वृद्धि, बेहतर स्टोरेज, आसान ऋण, फसल विविधता | 100 कम उत्पादक जिलों के किसान |
| दलहन आत्मनिर्भरता मिशन | दाल उत्पादन में दोगुनी वृद्धि, बेहतर बाजार मूल्य, 50% कम नुकसान | दाल उत्पादक किसान |
- आर्थिक उन्नति: पीएम किसान सम्मान निधि (3.90 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर) के साथ ये योजनाएं किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करेंगी।
- पर्यावरण संरक्षण: टिकाऊ खेती से मिट्टी और पानी का संरक्षण।
- रोजगार के अवसर: ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर महिलाओं और छोटे किसानों के लिए रोजगार।
- जोखिम में कमी: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 1.83 लाख करोड़ रुपये का क्लेम सेटलमेंट।
उत्तर प्रदेश के एक किसान ने कहा, “ये योजनाएं हमें नई तकनीक और बाजार तक पहुंच देंगी। अब फसल खराब होने की चिंता कम होगी।”
पीएम मोदी का विजन: पहले की योजनाओं से तुलना
मोदी सरकार ने हमेशा कृषि को प्राथमिकता दी है। पीएम धन धान्य कृषि योजना प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की तरह है, जो भंडारण और प्रोसेसिंग को बढ़ावा देती है। वहीं, दलहन मिशन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन को और मजबूत करेगा।
- पीएम किसान: हर साल 17,000 करोड़ रुपये का डायरेक्ट बेनिफिट।
- फसल बीमा: 50 करोड़ से ज्यादा किसानों को कवरेज।
- नया कदम: ये योजनाएं 42,000 करोड़ रुपये के कृषि निवेश का हिस्सा हैं, जिसमें मत्स्य और डेयरी योजनाएं भी शामिल हैं।
निष्कर्ष: किसान भाइयों, मौके को न छोड़ें!
पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन भारत के किसानों के लिए सुनहरा अवसर हैं। अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें और इन योजनाओं का लाभ उठाएं। पीएम मोदी का संदेश है – “किसान समृद्ध, तो भारत समृद्ध!”