आज बात करेंगे भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल के बारे में, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को और अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने की दिशा में है। हाल ही में केंद्र सरकार ने अयोग्य राशन कार्ड धारकों की एक सूची तैयार की है और राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे इन नामों को सत्यापन के बाद हटा दें। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि मुफ्त अनाज जैसी सुविधाएं केवल योग्य लाभार्थियों तक पहुंचें। आइए, इस विषय पर उपलब्ध सभी जानकारी को विस्तार से समझते हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) का पृष्ठभूमि
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 2013 में लागू किया गया था, जो ग्रामीण क्षेत्रों में 75% और शहरी क्षेत्रों में 50% आबादी को कवर करता है। इस अधिनियम के तहत अधिकतम 81.35 करोड़ लोगों को सब्सिडी वाले अनाज (चावल 3 रुपये/किलो और गेहूं 2 रुपये/किलो) उपलब्ध कराए जाते हैं। वर्तमान में, 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 19.17 करोड़ राशन कार्ड हैं, जो 76.10 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचा रहे हैं। एनडीए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत इन लाभार्थियों को मुफ्त अनाज प्रदान किया जा रहा है, जिसमें सब्सिडी मूल्य को माफ कर दिया गया है।
हालांकि, समय-समय पर यह पाया गया है कि कुछ अयोग्य लोग इस योजना का लाभ उठा रहे हैं, जिससे योग्य लोगों को वंचित होना पड़ता है। सरकार ने तकनीकी का उपयोग कर डुप्लिकेट, मृत और अयोग्य लाभार्थियों को हटाने के प्रयास किए हैं। उदाहरण के लिए, 2013 से अब तक राज्यों ने कुल 5.97 करोड़ राशन कार्ड हटाए हैं। वर्ष 2021-2023 के दौरान ही 1.34 करोड़ फर्जी या अयोग्य राशन कार्ड रद्द किए गए थे।
हालिया क्रैकडाउन: 1.17 करोड़ अयोग्य लाभार्थियों की पहचान
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने हाल ही में एक डेटा स्वीप अभियान चलाया, जिसमें राशन कार्ड धारकों के विवरण को विभिन्न सरकारी डेटाबेस से क्रॉस-वेरिफाई किया गया। इस प्रक्रिया में लगभग 1.17 करोड़ लाभार्थियों को अयोग्य पाया गया। इनकी विस्तृत ब्रेकडाउन इस प्रकार है:
- 94.71 लाख आयकर दाता (टैक्सपेयर्स)।
- 17.51 लाख चार-पहिया वाहन मालिक।
- 5.31 लाख कंपनी निदेशक।
ये आंकड़े आयकर विभाग, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड और पीएम-किसान योजना के डेटाबेस से मिलान कर निकाले गए। यह जानकारी API-आधारित सिस्टम के माध्यम से राज्यों के साथ साझा की गई है, जो ‘राइटफुल टारगेटिंग डैशबोर्ड’ पर उपलब्ध है।
अयोग्यता के मानदंड
NFSA के नियमों के अनुसार, निम्नलिखित व्यक्ति मुफ्त अनाज के लिए अयोग्य हैं:
- सरकारी कर्मचारी।
- परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से अधिक।
- चार-पहिया वाहन के मालिक।
- आयकर दाता।
ये मानदंड राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा निर्धारित पात्रता नियमों पर आधारित हैं। यदि कोई व्यक्ति इनमें से किसी भी श्रेणी में आता है, तो उन्हें योजना से बाहर किया जा सकता है।
राज्यों को दिए गए निर्देश
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने 8 जुलाई 2025 को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के सलाहकारों को एक पत्र लिखा, जिसमें इन फ्लैग्ड मामलों का फील्ड वेरिफिकेशन करने और अयोग्य पाए जाने पर नाम हटाने के निर्देश दिए गए। राज्यों को यह कार्य 30 सितंबर 2025 तक पूरा करने को कहा गया है। विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यह अभियान राज्यों को मदद करेगा ताकि वेटिंग लिस्ट में मौजूद योग्य लोग योजना का लाभ ले सकें। डुप्लिकेट, मृत या निष्क्रिय लाभार्थियों को पहले ही पहचाना जा चुका है, और अब अयोग्यों पर फोकस है।
यह जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्यों की है, लेकिन केंद्र ने डेटा प्रदान कर सहायता की है। इससे लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) की निष्पक्षता और अखंडता मजबूत होगी।
प्रभाव और लाभ
इस अभियान से PDS प्रणाली में सुधार आएगा, क्योंकि अयोग्य लाभार्थियों को हटाने से संसाधन केवल योग्य घरों तक पहुंचेंगे। इससे वेटिंग लिस्ट में मौजूद जरूरतमंद लोगों को शामिल किया जा सकेगा। वित्तीय बचत का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट है कि मुफ्त अनाज की वितरण लागत कम होगी और लीकेज रोका जाएगा। पहले के प्रयासों से भी सिस्टम में सुधार हुआ है, जैसे कि आधार सीडिंग और डिजिटाइजेशन के माध्यम से।
राज्यों में भी इसी तरह के प्रयास चल रहे हैं। उदाहरण के लिए:
- झारखंड में 50,000 ‘साइलेंट’ राशन कार्ड धारकों के नाम हटाए गए।
- ओडिशा में 3.9 लाख मृत और अयोग्य लाभार्थियों को PDS डेटाबेस से हटाया गया।
- कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अयोग्य BPL राशन कार्ड धारकों को हटाने के निर्देश दिए।
केंद्र सरकार का यह कदम PDS को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। यदि आप राशन कार्ड धारक हैं, तो अपनी पात्रता की जांच करें और यदि अयोग्य हैं, तो स्वेच्छा से कार्ड सरेंडर करें। यह सुनिश्चित करेगा कि योजना का लाभ सही हाथों में पहुंचे। अधिक जानकारी के लिए NFSA की आधिकारिक वेबसाइट (nfsa.gov.in) पर जाएं।